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उम्मीद “The Hope”

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Volume 12 Issues 11 November, 2022 

Dr. Rakesh Kumar Gupta Assistant Professor, Department of Pathology/LAB Medicine, All India Institute of Medical Sciences, Raipur

तू उदास यूँ ही ना बैठ ऐ दोस्त, कभी तो बारिश आयेगी

मेघ घुमड़ कर आएंगे, कभी तो बदरी छायेगी

हार मानने वालों के कभी वक्त साथ नहीं होता है

आस रखेगा जब तक तू हर घडी भी रंगत लाएगी I

तू उदास यूँ ही ना बैठ ऐ दोस्त, कभी तो बारिश आयेगी…

चट्टानों से टकराकर हर नदी  रास्ता बुनती है

स्वाती नक्षत्र की बूंद को चातक, सालभर आस में रहती है

चाँद की झलक पाने चकोर, एक पक्ष बाट जोहती है

धैर्य, संयम और साहस पथ ही ध्येय प्राप्त करवाएगी I

तू उदास यूँ ही ना बैठ ऐ दोस्त, कभी तो बारिश आयेगी…

तू भी थोड़ा  धीरज धर, मन की लगाम को पकड़े रख

वो पल भी जल्द ही आएगा, जब मन का पक्षी गायेगा

ख़ुशी से तू भी झूम उठेगा, यौवन उत्साहित पायेगा

मात पिता और दोस्त यार सबका गौरव बन जायेगा I

तू उदास यूँ ही ना बैठ ऐ दोस्त, कभी तो बारिश आयेगी…

बस थोड़ी मेहनत और शिद्दत से, लक्ष्य की ओर तू बढ़ता  चल

प्रेरक विचार को पकड़ के रख, डर और हतासा को दूर तू रख

जब ठान लिया अर्जुन की तरह, तो लक्ष्य भेद  पायेगा

जो आत्मगुरू को सात किया, एकलव्य सा निपुण बन जायेगा I

तू उदास यूँ ही ना बैठ ऐ दोस्त, कभी तो बारिश आयेगी…

हार के बाद जीत का रंग, हरदम खूब निखरता है

तीखे के बाद मीठे का स्वाद, ज्यादा लजीज ही लगता है

असफलता को स्वीकार कर, आगे बड़ना जो सिख लिया

चहुँ ओर तेरी जीत का परचम, उडती ध्वज सी लहराएगी I

तू उदास यूँ ही ना बैठ ऐ दोस्त, कभी तो बारिश आयेगी…

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